Howrah Bridge

बीबीजे की शुरूआती कहानी तीसरे दशक के मध्ये में शुरू हुई थी । कलकत्ता (अब कोलकाता) और हावड़ा के बीच ट्रैफ़िक ‍ आवागमन के बढ़ते बोझ से उस समय विद्यमान पोंटुन ब्रिज के स्था न पर अधिक चौड़ा और मजबूत ब्रिज की मांग हुई । तदनुसार प्राधिकारियों ने हुगली नदी के ऊपर एक कैंटिलीवर ब्रिज बनाने का फैसला किया। नि:संदेह यह कार्य बृहत् विशेषज्ञता संपन्नन था । इसलिए तीन बड़ी इंजीनियरिंग कंपनियां – ब्रेथवेट, बर्न और जेसप अपने संग अपनी विशाल तजुर्बे को एक साथ ले आई और मिलकर एक नई कंपनी बनाई गई । इस प्रकार 26 जनवरी, 1935 को बीबीजे यानी दि ब्रेथवेट बर्न एण्डए जेसप कंस्ट्रक्शपन कंपनी लिमिटेड का जन्म हुआ ।

Brahmaputra Bridge

आगे की यात्रा 1941 में एक अनोखे कार्य से शुरू हुई, यानी हावड़ा ब्रिज, बाद में इसका नामकरण रविन्द्र सेतु हुआ । इस कंपनी की हालिया उपलब्धि द्वितीय हुगली ब्रिज या विद्यासागर सेतु है । इस बीच बीबीजे के पास इसके रिकार्ड में बहुत से इंजीनियरिंग लैंडमार्क हैं, जो पूरी दुनिया में बिखरे हुए हैं ।

बीबीजे कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत निगमित हुई और सितम्बर, 1987 के दौरान भारत के राष्ट्रपति के नाम में बीबीयूएनएल के जरिए अपनी सभी शेयरहोल्डिंग हस्तांतरित करके भारत भारी उद्योग निगम लिमिटेड (बीबीयूएनएल) की सहायक कंपनी बन गई । भारत सरकार के आदेश से दि ब्रेथवेट बर्न एण्डे जेसप कंस्ट्रक्शरन कंपनी लिमिटेड (भारत सरकार का एक उपक्रम) का विलय 10 जुलाई, 2015 से प्रभावी भारत भारी उद्योग निगम लिमिटेड (भारत सरकार का उद्यम) के साथ हो गया । कारपोरेट मामले मंत्रालय, भारत सरकार ने कंपनी निगमन नियम-2014 के नियम-29 के अनुसरण में कंपनी रजिस्ट्रा र कार्यालय, कोलकाता, पश्चिम बंगाल द्वारा जारी 18 नवम्ब र, 2015 के प्रमाण-पत्र के जरिए कंपनी का नाम, भारत भारी उद्योग निगम लिमिटेड से बदलकर “दि ब्रेथवेट बर्न एण्डे जेसप कंस्ट्रक्श न कंपनी लिमिटेड” कर दिया, जो 18 नवम्ब र, 2015 से प्रभावी है ।

बीबीजे का विकास स्वबतंत्र भारत के सम्रग विकास के साथ-साथ हुआ था । बीबीजे की ऊंची उपलब्धियों का स्पीष्टस प्रमाण भारत में पूर्व के साथ पश्चिम और उत्तनर के साथ दक्षिण तक जोड़ते प्रमुख रेलवे पुल हैं ।

इस कंपनी की बहुत ही अच्छीर उपलब्धियों के कुछ उदाहरण मोकामा में गंगा पुल, दिल्लीह में यमुना पुल, राजामुंद्री में गोदावरी पुल, विजयवाड़ा में कृष्णाु पुल, पांडु में ब्रह्मपुत्र पुल हैं ।


कंपनी का विगत पांच वर्षों के बिक्रय कारोबार
बीबीजे की अभियांत्रिकी शक्ति और कौशल के साक्ष्यक प्रमुख स्टीटल प्लांदट, थर्मल पावर स्टे्शन, ऑयल रिफाइनरीज़, फर्टिलाइज़र परियोजनाओं का संस्थाुपन हैं । बीबीजे ने क्षतिग्रस्तट पुलों की पुनर्स्था‍पना, फैब्रिकेटेड औद्योगिक संरचनाएं बनाने और मुख्यज वाणिज्यिक एवं प्रशासनिक भवनों के सिविल निर्माण कार्य भी किया है। बीबीजे एक नन्हान सा बीज से विशाल वट-वृक्ष के रूप में तैयार हो गया है, जो वर्ष 2022-2023 के दौरान 30822.87 लाख रुपये के वार्षिक कारोबार के साथ भारतीय और विदेशी दोनों निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों को सेवाएं दे रही है ।

बीबीजे अत्या,धुनिक निर्माण उपकरणों एवं प्रौद्योगिकी के साथ उच्च स्तेरीय विशेषज्ञता एवं भारी अन्तट:गृह संसाधनों, अपने स्थाियी कैडर में 100 से अधिक लोगों को नियोजित करके, जबकि किसी भी वक्तृ विभिन्न परियोजना स्थ,लों पर स्था‍नीय रूप से नियोजित 1500 से ज्याेदा स्टॉ फ एवं कामगारों का उपयोग कर रही है ।