मुंबई मेट्रो रेलवे

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मुंबई मेट्रो रेलवे

मुंबई मेट्रो, महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई को सेवाएं प्रदान करने वाली मेट्रो सिस्टम है । सिस्टम की डिजाइन शहर में यातायात की भीड़ को कम करने के लिए बनाई गई है और वर्तमान में परंतु गंभीर रूप से अत्‍यंत भीड़ भाड़ वाली मुंबई उपनगरीय रेलवे नेटवर्क का पूरक बन गया है । यह 15 वर्षों की अवधि में तीन चरणों में बनाया जाएगा, कुल मिलाकर जिसके 2021 में पूरी होने की आशा है । पूरा हो जाने पर कोर सिस्टम में तीन उच्च क्षमता युक्त मेट्रो रेलवे लाइनें शामिल होंगी । जो कुल 63 किलोमीटर (39मील) तक फैली हुई है । मुंबई मेट्रो की लाइन-1 मुंबई मेट्रो वन प्राइवेट लिमिटेड (एमएमओपीएल) द्वारा परिचालित की जाएगी, जो कि रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर, विओलिया ट्रांसपोर्ट एवं मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमएमआरडीए) द्वारा गठित एक संयुक्त उद्यम कंपनी है ।

जून 2006 में, भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुंबई मेट्रो परियोजना के प्रथम चरण का उद्घाटन किया । निर्माण कार्य फरवरी, 2008 में प्रारंभ हुआ । मई, 2013 में एक सफल परीक्षण चालू किया गया था तथा सिस्टम की पहली लाइन का परिचालन 8 जून, 2014 को हुआ क्योंकि परियोजना के कुछ पहलुओं, विलंब व लागत संबंधी मुद्दों द्वारा प्रभावित थे ।

मुंबई मेट्रो भारत की पहली सार्वजनिक निजी साझेदारी में मेट्रो परियोजना है जिसमें सभी तीन चरणों (निर्माण, परिचालन एवं रखरखाव) को निजी प्लेयरों को दिया गया था ।

मुख्‍य विशेषताऍं :
पश्चिम रेलवे ट्रैक मुंबई के ऊपर मेट्रो रेल ब्रिज
शुरुआत की तारीख : 2010
ट्रैफिक के लिए खुला : 2013
कुल मूल्य : 21.16 करोड़ रूपये (लगभग)
प्रकार : डबल ट्रैक रेल ब्रिज, आपूर्ति, फेब्रिकेशन एवं इरेक्शन
स्पैन : 3 x 61 मीटर
स्टील कार्य : 1300 मे.ट. (लगभग)
निर्माण के दौरान चुनौतियां : इरेक्शन का कार्य रेलगाड़ियों के आवागमन बगैर बाधित किए चालू रेलवे ट्रैक के ऊपर मुंबई के व्यस्ततम स्टेशनों में से एक (अंधेरी) में किया गया था,


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