पुलों की मरम्मत पुनर्स्‍थापन एवं रेलवे गेज परिवर्तन


बीबीजे ने वर्तमान पुलों की पुनर्स्‍थापन का कार्य सफलतापूर्वक हाथ में लिया जिसमें से पहला था कोलाघाट में रूपनारायण ब्रिज की रिगर्डरिंग का कार्य ।

वर्तमान हावड़ा ब्रिज जिसे अभी रवींद्र सेतु के रूप में जाना जाता है, के अत्यधिक प्रयोग के कारण प्राधिकारियों ने रवींद्र सेतु की मरम्मत एवं बहाली से इसे फिट रखने की बात सोची तथा उनकी पसंद बीबीजे के अलावा और कोई नहीं था ।

बाली ब्रिज जिसे विवेकानंद सेतु के रूप में बेहतर जाना जाता है, की मरम्मत एवं पुनर्स्‍थापन का ठेका बीबीजे को दिया गया है ।

बीबीजे ने राष्ट्र के पुल निर्माता के रूप में सम्मान के साथ तालमेल रखते हुए इलाहाबाद में इज्जत ब्रिज पर एवं गुवाहाटी-लुंबडिंग परियोजना में रेलवे गेज परिवर्तन कार्य की चुनौतियों को स्वीकार किया । बीबीजे ने पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के अधीन कोपीली तथा दिगारू पुलों में स्टील गर्डरों की बदली भी सफलतापूर्वक किया । समय पर इन परियोजनाओं के पूरा होने से भारत सरकार को नागालैंड (दीमापुर) के साथ देश के शेष भाग से संपर्क स्थापित करने में मदद मिली ।

कोलकाता के खिदिरपुर ब्रिज तथा मुंबई में उल्लहास ब्रिज के पुनर्स्‍थापन बीबीजे द्वारा निष्‍पादित किया गया ।

जयपुर में पुराने वैतरणी ब्रिज की बदली बीबीजे द्वारा ट्राफिक ब्लॉक की सीमित अवधि के अंदर किया गया ।

कंक्रीट बेड ब्लॉकों के साथ 36 अदद पुराने स्टील पुलों की रिगर्डरिंग का कार्य भी बीबीजे द्वारा ट्राफिक ब्लॉक की सीमित अवधि के भीतर किया गया ।

(मरम्मत के अधीन पुलों तथा रेलवे गेज परिवर्तन की कुछ तस्वीरें)